दुमका: पार्वती संग कोहबर से बाहर निकले फौजदारी बाबा, फाल्गुन पूर्णिमा पर पूजा अर्चना के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Dumka: आज शुक्रवार को फाल्गुन पूर्णिमा के दिन बाबा बासुकीनाथ मैया पार्वती संग कोहबर से बाहर निकले. वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि के दूसरे दिन से माता पार्वती के साथ एक पखवारे तक भोलेनाथ कोहबर गृह में विराजमान रहते हैं. परंपरा के मुताबिक फाल्गुन पूर्णिमा पर कोहबर घर से निकलकर भगवान शिव व माता पार्वती अपने-अपने मंदिर के लिए प्रस्थान कर गए.
मंदिर के पुरोहित पंडित प्रेमशंकर झा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भोलेनाथ की प्रतीकात्मक त्रिशूल को पीतांबरी धोती और रुद्राक्ष माला के साथ नगर भ्रमण के पश्चात माता पार्वती के साथ कोहबर घर में प्रवेश कराया गया था. यहां 15 दिनों तक दोनों के साथ रहने के बाद फाल्गुन पूर्णिमा पर मंदिर के पुजारी के द्वारा परंपरागत तरीके से भगवान शिव के प्रतीक स्वरूप त्रिशूल को कोहबर से निकालकर पुनः गर्भगृह ले जाया गया. वहीं बाबा मंदिर के गर्भगृह में अधिवास पूजन से बिछाया गया पलंग भी हटा दिया गया. बाबा एवं पार्वती मंदिर के गुंबद पर शिवरात्रि के अवसर पर भक्तों के द्वारा चढ़ाए गए गठबंधन व ध्वजा को उतारकर नए ध्वजा एवं गठबंधन को लगाया गया. इस अवसर पर उतारे गए ध्वजा एवं गठबंधन को प्रसाद स्वरूप प्राप्त करने के लिए भक्तों में होड़ लगी रही.
फाल्गुन पूर्णिमा पर पूजा अर्चना के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
फाल्गुन पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुक्रवार को बाबा फौजदारीनाथ का जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंदिर का पट सुबह खुलने के बार सरकारी पूजा हुआ उसके बाद गर्भगृह का पट भक्तों के लिए खोल दिया गया। पूजन के दौरान बाबा पर अबीर गुलाल चढ़ाया गया. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था मुकम्मल किया गया है. पूर्णिमा के कारण बाबा मंदिर में स्थानीय व दूरदराज गांव से भी काफी भीड़ जुटेगी. हिंदू संस्कृति में पूर्णिमा का काफी महत्व है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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