चाईबासा(CHAIBASA): कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा सहित पूरे पश्चिमी सिंहभूम जिले में खासमहल लीज की जमीन का भारी पैमाने पर धड़ल्ले से खरीद बिक्री और लीज शर्तों का उल्लंघन हो रहा है. चाईबासा-चक्रधरपुर शहरी क्षेत्रों में लीज की जमीन का भारी पैमाने पर लाखों-करोड़ों में खरीद बिक्री किया गया है, वर्तमान में भी लीज की जमीन की खरीद बिक्री जारी है. लीज की जमीन की अवैध ढंग से खरीद बिक्री के कारण लीज नवीकरण का कार्य भी नहीं हो पा रहा है. जिससे सरकार को लाखों करोड़ों रुपए की क्षति उठानी पड़ रही है. शहर के बड़े-बड़े सरकारी लीज की जमीन-भूखंडों का अवैध ढंग से खरीद-बिक्री हो चुका है. बाकी बचे लीज के जमीनों की भी धड़ल्ले से खरीद बिक्री चल रही है.
प्रशासन नहीं करती कोई कार्रवाई
एक तरफ सरकार लीज की जमीन की अवैध खरीद बिक्री करने वाले लोगों पर कार्रवाई की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ सरकार और प्रशासन लीज की जमीन की अवैध ढंग से खरीद बिक्री करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करती. जिसके कारण लीज धारकों द्वारा लीज की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री और लीज शर्तों का उल्लंघन किया गया है. वर्तमान में भी लीज की जमीन की खरीद बिक्री धड़ल्ले से जारी है. असली लीज धारक गायब हो गए हैं और अवैध ढंग से लीज की जमीन की खरीद करने वाले सामने हैं. कई असली लीज धारक जमीन बेचकर शहर छोड़ चुके हैं, वहीं अवैध ढंग से खरीद बिक्री करने वाले लोगों का लीज की जमीन पर कब्जा है और लीज शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है. घरेलू उपयोग के नाम पर ली गई लीज की जमीन का धड़ल्ले से व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है और दुकान मार्केट मॉल और आवास बनाकर भाड़े पर लगाया जा रहा है. जिससे भी सरकार को राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है. असली लीज धारक जो अपनी जमीन बेच चुके हैं वे लीज नवीकरण के पचड़े में पड़ना नहीं चाहते और जिन्होंने अवैध ढंग से लीज की जमीन खरीदी है वह लीज नवीकरण नहीं करा सकते, लीज की जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी और सेल डीड के नाम पर खरीद बिक्री का खेल चल रहा है. नियमानुसार, लीज शर्तों का उल्लंघन के बाद स्वत: ही लीज समाप्त हो जाता है और वह जमीन सरकार की हो जाती है. चाईबासा सहित अन्य खासमहल की जमीन का लीज नवीकरण नहीं होना संबंधित विभाग और अधिकारीयो की मिलीभगत और पूरे मामले मे घालमेल और अवैध ढंग से खरीद बिक्री की पोल खोल रहा है. डोमेस्टिक उपयोग के नाम पर ली गई लीज की जमीन का व्यवसायिक उपयोग होना भी सरकार को बड़े राजस्व की क्षति पहुंचा रहा है. शहर में ऐसे कई लीज की जमीन और भूखंड है जिसका उपयोग नहीं हो पा रहा है और अवैध ढंग से खरीदने वालों का कब्जा है यह भी लीज शर्तों का उल्लंघन है.
हाल में कई इलाकों की दर्जनों लीज की जमीन की लाखों-करोड़ों में खरीद-बिक्री हुई
हाल में ही शहर के बीचोबीच घंटाघर राजस्थान भवन के सामने विशाल भूखंड, तंबाकू पट्टी सदर बाजार नीमड़ीह, न्यू कॉलोनी नीमड़ीह, टूगरी, आमला टोला आदि इलाकों में दर्जनों लीज की जमीन की लाखों-करोड़ों में खरीद-बिक्री हुई है और वर्तमान में भी सरकार और भूमि निबंधन राजस्व विभाग के नियम कानून को ताक पर रखकर खास महल लीज की जमीन की अवैध ढंग से खरीद बिक्री जारी है. यही नहीं गांधी टोला नाले के पास भी लीज की जमीन की अवैध ढंग से खरीद-बिक्री कर एक चर्चित लुटेरा ठेकेदार द्वारा हाई कोर्ट और माननीय न्यायालय के सरकारी नदी नालों के जमीन पर अवैध कब्जा अतिक्रमण मुक्त करने के निर्देश के बावजूद नाले के जमीन पर भी अतिक्रमण और कब्जा कर विशाल इमारत भवन खड़ी कर दी गई है. वहीं लीज के जमीन पर अवैध ढंग से फ्लैट निर्माण कर अवैध ढंग से खरीद बिक्री का भी गोरखधंधा और खेल चल रहा है. लीज की जमीन की अवैध ढंग से खरीद बिक्री में बड़े बड़े पूंजीपतियों सहित जमीन माफिया, दलाल और सफेदपोश भी शामिल है जो सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं और अवैध ढंग से लीज की जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं. प्रशासन और संबंधित विभाग पूरे मामले पर कुंभकरनी निद्रा में है और चंद पैसे के लालच में पड़कर सरकारी और लीज की जमीन को लुटाने में लगी है. वहीं दूसरी और पूंजीपतियों जमीन माफियाओं दलालों के बीच के पास अवैध ढंग से कई बीघा-एकड़ की जमीन है और भूमिहीनों के पास सर ढकने के लिए जमीन और छत तक नसीब नहीं हो रहा है. जिले में लगभग 23सौ से अधिक लीज धारी है जिसमें लगभग 7-8 सौ लोगों ने ही लीज नवीकरण कराया है. कई लीजधारियों द्वारा लीज शर्तों का उल्लंघन करने और कागजात आदि नहीं देने के कारण लीज नवीकरण नहीं हो पा रहा है. जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वही आधे से अधिक लीज धारियों ने अपनी लीज की जमीन अवैध रूप से बेच दी है. सिर्फ खास महल लीज की जमीन ही नहीं जिले में भारी पैमाने पर आदिवासियों की जमीन सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर गैर आदिवासियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. उद्योग-व्यवसाय, दुकान-गोदाम के नाम पर आदिवासियों की जमीन दान-एग्रीमेंट कर गलत तरीके से लेकर हड़प ली गई है. गांधी टोला करणी मंदिर ट्रस्ट की जमीन की भी अवैध रूप से खरीद बिक्री हुई है और वर्तमान में भी अवैध खरीद बिक्री जारी है. शहर में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर कई मुहल्ले कॉलोनी बस चुके हैं.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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