टीएनपी डेस्क (TNP DESK)- धीरे धीरे “इंडिया” सत्तारुढ़ भाजपा के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है, वह ना तो इसे निगल पा रहा है और ना ही उगलने की स्थिति में है. दरअस विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ही कुछ ऐसा रखा लिया है कि भाजपा के सामने मुसीबत खड़ी हो गयी है, मंहगाई से लेकर बेरोजगारी को राष्ट्रवाद से जोड़ने में माहिर भाजपा इस इंडिया के जाल में फंसती नजर आने लगी है. इसके साथ ही विपक्षी दलों लिए भी भाजपा को चिढ़ाने का एक फार्मूला मिल गया है, अब वह अपने हर सवाल को इंडिया से जोड़ते नजर आने लगे हैं, राष्ट्रवाद की चैम्पियन भाजपा की मुसीबत यह है कि वह चाह कर भी इस इंडिया पर अपशब्दों की बौछार नहीं कर सकती.
सदन का यह दृश्य लोकसभा अध्यक्ष को नागवार गुजरा
कुछ ऐसा ही नजारा आज लोक सभा के अन्दर भी देखने को मिला. दरअसल विपक्षी दलों की ओर मोदी सरकरा के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव रखने की इजाजत मांगी गयी थी. विपक्ष की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर गौरव गोगोई आये, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव के संदर्भ में सदन की राय मांगी, जैसे ही सदन ने इस प्रस्ताव को रखने की अनुमति प्रदान की, पूरा विपक्ष चक दे इंडिया का जयकारा लगाने लगा. हर कोने से चक दे इंडिया की आवाज आने लगी. सदन अन्दर इस दृश्य को देखकर भाजपा हतप्रभ थी. लेकिन यह दृश्य सबसे ज्यादा नागवार लोक सभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को लगा, उन्होंने बगैर देरी किये कांग्रेस की क्लास लगा दी. साथ ही यह सवाल भी दाग दिया कि इतने वर्षों के शासन के बावजूद आपको सदन की मर्यादा का ख्याल नहीं है, किसी भी सदन में इस तरह से नारे कैसे लगाये जा सकते हैं, चक दे इंडिया का जयकारा कैसे लगाया जा सकता है.
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