टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-सियासत की पिच पर ताबड़तोड़ बैटिंग करने से पीछे कोई दल पीछे नहीं हटता, बेशक किसी एक को चुनाव में बोल्ड होना पड़ा. सियासी चौसर में सभी अपने मोहरे बिछाने और दौड़ाने में कोई कोर-कसर बाकी छोड़ना नहीं चाहते. अभी दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की लड़ाई तेज होने वाली है. लिहाजा, I.N.D.A और N.D.A गठबंधन एक दूसरे की मुखालफत और खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने के लिए एड़ी-चोड़ी एक कर रहें है. अपने चुनावी वादों और बयारों से आवाम को रिझाने में पीछे नहीं हट रहें हैं.
‘लालू यादव सावन में खाते हैं मटन’
हाल में राहुल गांधी ने लालू यादव के दिल्ली निवास में चौंपारण मटन खाया और बनाने के तरीके भी सीखे. उन्होनें लालू जी की सिक्रेट रेसेपी और राजनीतिक मसाला की जमकर तारीफ कर डाली. लालू और राहुल के इस सिक्रेट मटन रेसीपी के वीडियो के आने के बाद बीजेपी तंज कसने से बाज नहीं आई. लालू तो राहुल की तारीफ से गदगद हो गये. लेकिन, मटन पर भाजपा बोलने से पीछे नहीं हटी. कभी लालू के नजदीकी माने जाने वाले बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने कह डाला कि सवान जैसे पवित्र महीने में भी लालू यादव मटन खाते हैं औऱ उनके नेता रामचरित मानस को साइनाइड बतलाते हैं. झांझरपुर में अमित शाह की रैली से पहले रामकृपाल ने ये बाते कही. वे इतने से ही नहीं रुके और सनातन मिटाने के बयान पर भी खूब मुखालफत इंडिया गठबंधन की कर डाली. उन्होंने कहा कि, परिवारवाद वालों का घमंडिया गठबंधन सनातन को गाली देने और बदनाम करने का ही काम किया है, जो 2024 में मोदी लहर में खत्म हो जायेंगे.
स्टालिन ने कही थी सनातन को मिटाने की बात
सनातन को मिटाने की बात उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिन पहले की थी . उसने सनातन को डेंगु,मलेरिया की तरह खत्म करने की बात कहकर राजनीतिक तपीश बढ़ा दी थी, उनके साथ उन्हीं के डीएमके पार्टी के नेता ए.रजा ने दिया औऱ सनतान को एडस और कुष्ठ रोग बताकर बंवडर मचा दिया. हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी रामचरित मानस का मजाक और अवहेलना करने से नहीं हिचके. उन्होंने इसे साइनाइड करार देकर हंगामा करार दिया.
बीजेपी के हाथ लगा ‘ब्रह्मास्त्र’!
देखा जाए तो आगामी लोकसभा चुनाव में सनातन पर बिफरे बोल को बीजेपी हाथ से जाने देना नहीं चाहती, उनके नेता औऱ खुद पीएम मोदी इसके लिए इंडिया गठबंधन पर हमलावर होकर जिम्मेदार ठहरा रही. उन्हें लगे हाथ एक हथियार चुनाव से पहले मिल गया है. जिसे अपने तरकश के तीर में ब्रह्मास्त्र मान रही है. देखना है कि एनडीए सनातन के नाम पर कितना वोट बटोर पाती है. हालांकि, ये भी एक सच्चाई है कि देश का आवाम जोशीले जयकारों, जिंदाबाद के नारो,चुनावी बयारो और वादों से नहीं भटकता . वो पिछले पांच साल सरकार ने क्या किया और क्या किया जाना चाहिए इसका आकलन करती है. हालांकि, देखना दिलचस्प ये होगा कि सनातन, सावन में मटन और रामचरितमानस को साइनाइड कहने वाले बयानों के बीच किस गठबंधन को जनता दिल्ली दरबार चुनकर भेजती है.
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