टीएनपी डेस्क- सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को बड़ी ,फटकार लगाई है और सरकार के तर्क को गलत बताया है. पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि तरीका जो भी हो लेकिन पराली जलाने पर रोक लगाना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है.अब इसको लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. उल्लेखनीय है कि पराली जलाने की वजह से पर्यावरण का संकट उत्पन्न हो गया है.
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का बड़ा संकट
उल्लेखनीय है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ह और आंकड़ा जो बताता है कि पराली जलाने का 66% है. पंजाब में सबसे अधिक पराली जलाने का मामला होता है. इसके बाद हरियाणा का स्थान है.उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी पराली जानने के मामले सामने आते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पंजाब सरकार को ब्लेम गेम के बजाय काम करना चाहिए.साफ तौर पर कहा गया है कि कुछ भी करिए लेकिन पराली किसी भी हालत में नहीं जल्दी चाहिए.
हम बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के भगवंत मानकी की सरकार है. तथ्यों के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार गंभीर बना हुआ है इन दिनों दिल्ली में लोग जहरीली हवा का सामना कर रहे हैं.दिल्ली सहित उत्तर भारत प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली और पंजाब में स्थिति चिंताजनक है. इस साल पंजाब में ही सिर्फ पराली जलाने की 20000 से अधिक घटनाएं हुई हैं. भाजपा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार का पोल खोल दिया है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार कुछ नहीं कर रही है.
हम आपको बताने की प्रणाली क्या है जब धान की खेती हो जाती है उसका जो निवाड़ी कहलाता है.गेहूं की खेती से पहले किसान पराली को जलाना शुरू कर देते हैं क्योंकि वह इस खेत में नहीं रख सकते.
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