धनबाद(DHANBAD): झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं. यह नारा कल्पना सोरेन का है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर भी कल्पना सोरेन ने मुंबई में इस नारे की जोरदार ढंग से वकालत की थी. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद और लोकसभा चुनाव के बीच कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में एंट्री होती है. इस एंट्री को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते रहे. झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन परिस्थिति बस ही आई. लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने लोगों का भरोसा जितने में बहुत वक्त नहीं लिया. यह अलग बात है कि हेमंत सोरेन को पहले से ही लग रहा था कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. इसलिए 31 दिसंबर 2023 को गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद को इस्तीफा दिलाया गया. यह इस्तीफा उन्हें इस शर्त पर शायद दिलाया गया कि उन्हें राज्यसभा भेज दिया जाएगा और राज्यसभा भेजा भी गया.
डॉक्टर सरफराज अहमद भेजे गए राज्य सभा
अब तो लोकसभा का चुनाव भी खत्म हो गया है. 4 जून को परिणाम भी आएंगे. गांडेय विधानसभा से भी परिणाम आएंगे. यहां से कल्पना सोरेन मजबूती से चुनाव लड़ी है. फिर सवाल उठता है कि जून का महीना चल रहा है और नवंबर अथवा दिसंबर में झारखंड में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. ऐसे में क्या कल्पना सोरेन को लेकर कोई परिवर्तन झारखंड में होगा अथवा नहीं, यह सवाल सियासी हल्को में तेजी से उठ रहे है. लेकिन साथ ही यह बात भी कहीं जा रही है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करनी होगी. लोकसभा चुनाव में अगर एनडीए की अच्छी खासी सीट मिलती है तो इंडिया गठबंधन के लिए झारखंड विधानसभा का चुनाव और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा. क्योंकि एनडीए चाहेगा कि झारखंड में सरकार बनाएं और इंडिया गठबंधन चाहेगा कि उसकी सरकार फिर बने. यह बात भी सच है कि अगर एनडीए को लोकसभा में अच्छी सफलता मिलेगी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते है. ऐसे में फिर इंडिया गठबंधन के सामने भी किसी चेहरे को रखना होगा.
हेमंत सोरेन जेल में है ,कब तक रहेंगे कहना कठिन
क्योंकि हेमंत सोरेन तो अभी जेल में है. कब तक बाहर आएंगे, यह कहना थोड़ा कठिन है, हो सकता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कल्पना सोरेन विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बन जाए. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें बेहतर समर्थन और लोगों का आशीर्वाद मिला है. इधर ,झारखंड प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई ने लोकसभा चुनाव के बीच दावा किया है कि 4 जून के बाद झारखंड सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी. कुर्सी की लड़ाई सामने होगी. हेमंत सोरेन अभी जेल में है. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अभी सत्ता संभाल रहे हैं, जबकि कल्पना सोरेन सत्ता के रास्ते में है. इस संघर्ष में चंपई सरकार गिर जाएगी और एनडीए सरकार का रास्ता प्रशस्त होगा. लक्ष्मीकांत वाजपेई के इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच इस तरह के बयान के सियासी माने -मतलब तो निकाले ही जाएंगे.
क्या कोई "गेम प्लान" तैयार किया गया है
क्या झारखंड के लिए फिर विधानसभा चुनाव के पहले कोई राजनीतिक "गेम प्लान" तैयार किया गया है. और अगर तैयार किया गया है तो इससे किसको कितने फायदे हो सकते है. हालांकि राजनितिक पंडित ऐसी किसी भी संभावना से इंकार कर रहे है. झारखंड विधानसभा का चुनाव नवंबर या दिसंबर 2024 में हो सकता है. विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होगा. पिछला चुनाव सितंबर 2019 में हुआ था. उस समय झारखंड में भाजपा की सरकार थी. लेकिन गठबंधन ने बहुमत पाया और भाजपा की सरकार अपदस्त हो गई. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30 सीटें जीती, कांग्रेस को 16 सीटें मिली. राजद को एक मिली, भाजपा को 25 और जेबीएम को तीन सीटें मिली थी. जेवीएम का नेतृत्व बाबूलाल मरांडी कर रहे थे, जो फिलहाल भाजपा में आ गए हैं और भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष उन्हें बनाया गया है. उनके विधायक भी इधर -उधर हो लिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+