दुमका(DUMKA):बीजेपी की ओर से दुमका लोकसभा सीट से सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सीता सोरेन पूरी तरह से रणभूमि में कूद पड़ी है. विगत कुछ दिनों से वे दुमका में रहकर क्षेत्र का भ्रमण कर रही हैं, लोगों से मिल रही है. द न्यूज़ पोस्ट संवाददाता ने बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन से बातचीत की.
सुनील सोरेन ने पार्टी के लिए किया है बड़ा त्याग
बातचीत के दौरान सीता सोरेन ने तमाम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों का जो स्नेह मिल रहा है, ऐसा स्नेह पहले देखने को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शरण में महिलाओं को बड़ा मान सम्मान दिया जा रहा है. बतौर बीजेपी प्रत्याशी क्षेत्र में आने के बाद दुमका से लेकर जामताड़ा तक जो सम्मान मिल रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि जीत सुनिश्चित है और जीत भारी मतों से होगी.सीता सोरेन ने कहा कि सुनील सोरेन से उनके घर जाकर मुलाकात की. सुनील सोरेन के तरफ से भी भरपूर सहयोग का भरोसा मिला.सीता ने कहा कि सुनील सोरेन ने पार्टी के लिए बड़ा त्याग किया है.
चुनाव में गुरुजी का चेहरा रहेगा साथ
सीता सोरेन ने कहा कि इस बार के चुनाव में तीर धनुष निशान भले ही ना हो लेकिन दिसोम गुरु शिबू सोरेन का चेहरा जरूर साथ रहेगा, क्योंकि वे पिता सबके हैं.बच्चे भले ही गलत रास्ते पर चले जाए लेकिन पिता पुत्र और पुत्री का रिश्ता समाप्त नहीं होता. उन्होंने बेबाकी से कहा कि किस परिस्थिति में घर से बाहर निकलना पड़ा इसके लिए बाबा या सासू मां का कोई दोष नहीं है.देवर और देवरानी को परिस्थिति समझनी चाहिए थी. हेमंत सोरेन तो राज्य के मुखिया थे इसके बाबजूद वे परिवार को एकता के सूत्र में बांधकर नहीं रख सके. सीता ने कहा कि मान सम्मान का भूखा सभी होता है. खाना मिले या ना मिले, जहां मान सम्मान मिलेगा लोग वहां जाएंगे ही.बीजेपी में भरपूर मान सम्मान मिल रहा है इसके लिए कुछ भी करेंगी.
पूरा झारखंड अपना है, कहीं भी रह लुंगी: सीता
जब उनसे पूछा गया कि इस बार दुमका आगमन पर उन्होंने गुरुजी आवास को अपना बसेरा बनाने के बजाय किराए के मकान में रहने का निश्चय लिया, आखिर कब तक किराए के मकान में रहेंगी? इस पर जवाब देते हुए सीता सोरेन ने कहा कि उनके पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की जो छवि रही है और वो उसी रास्ते पर चल रही हैं.जहां पूरा झारखंड उनका अपना है.इसलिए आज तक यह नहीं सोचा कि कहां रहना पड़ेगा. सीता सोरेन ने कहा कि दिसोम गुरु शिबू सोरेन भी जब आंदोलन करते थे तो अपने घरों में कहां रहते थे. क्षेत्र में कहीं भी रहकर वे समय बिताते थे और आंदोलन करते थे.उसी तरह की मुहिम चला कर झारखंड को बदलने का संकल्प लिया है, विकासशील राज्य बनाना है तो कुछ कठिनाइयों का सामना तो करना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि झामुमो द्वारा नलीन सोरेन को प्रत्याशी बनाया गया है. नलिन सोरेन चाचा है, और चाचा पिता के समान होते हैं. उनसे मिलकर जीत का आशीर्वाद लूंगी.
रिपोर्ट-पंचम झा
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