Ranchi-झारखंड के इतिहास में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. आज हर झारखंडी खुशियों में तहबोर है, उसके लिए होली दीपावली की खुशियां एक साथ आ खड़ी हुई है. वह सरहूल और जितिया का आनन्द एक साथ ले रहा है. उसका कारण यह है कि राज्य के 23वें स्थापना दिवस पर पीएम मोदी उनके बीच खड़े हैं. आज ही धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती भी है, वह बिरसा मुंडा जो झारखंडियों के लिए भगवान हैं. वह बिरसा जिसने अपने प्राणों की आहूति देकर अंग्रेजों के खिलाफ सिंहनाद किया था, वह बिरसा जिसने जल, जंगल और जमीन के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगाया था, वह बिरसा जिसने देशज संस्कृति और जनजातीय स्वाभिमान के लिए झारखंडियों को अपने प्राणों का उत्सर्ग करने का आह्वान किया था. और आज झारखंड के इतिहास में पहली बार कोई पीएम उनके साथ खड़ा होकर उस भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मना रहा है.
पीएम मोदी का आगवन सीएम हेमंत के लिए बड़ा झटका
लेकिन यह पीएम मोदी का यह आगवन सीएम हेमंत के लिए एक झटका भी है, क्योंकि आज ही वह अवसर था, जब सीएम हेमंत इस कार्यकाल में अंतिम बार राज्य की 23वें स्थापना दिवस के बहाने अपनी उपलब्धियों को राज्यवासियों के सामने रखते. उनके सामने अपनी चुनौतियों और इन चुनौतियों के बीच की अपनी उपलब्धियों का खांचा खींचते. इन पांच वर्षों में किन किन योजनाओं का श्रीगणेश हुआ और यह किस कदर राज्यवासियों की जिंदगी में बदलाव लाने में सफल हुआ, उसका ब्योरा पेश करतें.
आज ही मोरहाबादी मैदान से दस हजार युवाओं को ऑफर लेटर सौंपने जा रहे हैं हेमंत
आज ही हेमंत सोरेन मोरहाबादी स्थित अपने राजकीय कार्यक्रम में करीबन दस हजार युवाओं को विभिन्न कंपनियों से मिले ऑफर लेटर प्रदान करने वाले हैं. यह ऑफर लेटर देश की नामचीन कंपनियों की ओर से प्रदान किया गया है. इसके साथ ही 4650.03 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जाना है. आज ही हेमंत सरकार कई पॉलिसियों को लांच करने का जा रही है. इसमें से मुख्य रुप से झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी 2023, झारखंड एमएसएमई प्रमोशन पॉलिसी 2023, झारखंड निर्यात पॉलिसी 2023, झारखंड आईटी, डाटा सेंटर और बीपीओ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी 2023 है, राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण की भी शुरुआत भी आज ही होनी है.
लेकिन कल के अखबारों से गायब रह सकती है सीएम हेमंत की यह उपलब्धियां
माना जा रहा था कि यह कल की अखबारों की सुर्खियां बनेगी, पूरे देश दुनिया में उसकी गूंज होगी, लेकिन पीएम मोदी के इस आगवन में सब कुछ फीका पड़ गया, राज्य सरकार की सारी उपलब्धियां और तैयारियां धरी की धरी रह गयी और सारी सुर्खियां पीएम मोदी बटोर ले गयें. तो क्या यह माना जाये कि पीएम मोदी के द्वारा जानबूझ कर अपने कार्यक्रम के लिए इस दिन को चुना गया था. क्या पीएम मोदी एक रणनीति के तहत सीएम हेमंत को मीडिया की सुर्खियों से गायब करना चाहते थें. क्या यह महज एक संयोग है, या इसके पीछे एक खास रणनीति और कार्ययोजना है.
खास कर तब जब देश में पांच राज्यों में चुनाव चल रहा है, और इन पांचों राज्यों में भाजपा की हालत बेहद पतली माना जा रही है, और इस हालत में भाजपा के लिए आशा की एकमात्र किरण पीएम मोदी हैं, पीएम मोदी ही आज के दिन भाजपा के सबसे मजबूत प्रचारक हैं, इन पांच राज्यों में भाजपा को जो कुछ ही हासिल होना है, वह सब कुछ प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैलियों पर ही निर्भर करता है, उस हालत में पीएम मोदी का इन चुनावी राज्यों से अलग रहकर झारखंड का दौरा करना सवाल तो जरुर खड़ा करता है. और यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता क्योंकि पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में अवतरित इस नयी भाजपा को मीडिया मैनेजमेंट का मजबूत खिलाड़ी माना जाता है. और प्रधानमंत्री इसके चैंपियन हैं. प्रधानमंत्री मोदी अपनी कोई भी यात्रा बेमकसद नहीं करते. उनके एंजेंडे पर कुछ ना कुछ जरुर होता है. और इस बार का एजेंडा हेमंत सोरेन को मीडिया की सुर्खियों से दूर करना था.
अब देखना होगा कि क्या वाकई ऐसा ही होता है, या पीएम मोदी की इस यात्रा के बावजूद सीएम हेमंत के हिस्से भी मीडिया की कुछ सुर्खियां आती है. क्योंकि इस घटनाक्रम से सीएम हेमंत भी अनजान तो नहीं होगें, उनके पास भी जरुर इसका कोई काट होगा. वैसे ही राज्यवासियों के लिए पीएम मोदी की घोषनाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण सीएम हेमंत की घोषनाएं है, क्योंकि उनकी जिंदगी में बदलाव की शुरुआत तो राज्य की योजनाओं से ही होनी है. हां, पीएम मोदी और केन्द्रीय योजनाओं से उसमें एक तड़का जरुर लगता है.
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