दुमका(DUMKA):दुमका लोकसभा क्षेत्र में 1 जून को मतदान होना है. मतदान भले ही अंतिम चरण में हो लेकिन केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जब प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई, तो दुमका के सांसद सुनील सोरेन को प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन सियासत का पहिया इतनी तेजी से घूमा की एक झटके में ही केंद्रीय नेतृत्व ने सुनील सोरेन से टिकट वापस लेते हुए सुनील सोरेन के घोर विरोधी समझे जाने वाले शिबू सोरेन की बड़ी पुत्र बधू सीता सोरेन को थमा दिया.
दुर्गा सोरेन को पराजित कर सुनील सोरेन बने थे विधायक तो शीबू सोरेन को पराजित कर बने थे सांसद
झामुमो से राजनीति की शुरुआत करनेवाले सुनील सोरेन ने जामा विधानसभा से सीता सोरेन के पति दुर्गा सोरेन को पराजित कर विधायक बने तो ससुर शिबू सोरेन को पराजित कर सांसद बने.प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सीता सोरेन दुमका पहुंच कर क्षेत्र में सक्रिय हो चुकी है. क्षेत्र में लोगों से मिलना जुलना हो या फिर पार्टी का कार्यक्रम, हर जगह नजर आ रही है.अक्सर अपने संबोधन में सोरेन परिवार को झारखंड के लिए अशुभ करार देनेवाले सुनील सोरेन की सक्रियता पार्टी में कम हो गयी है.
भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी नजर नहीं आए सुनील सोरेन
इसकी एक बानगी शनिवार को भी देखने को मिली.6 अप्रैल को बीजेपी के स्थापना दिवस होने के साथ साथ सुनील सोरेन का जन्मदिन भी था. पार्टी का स्थापना दिवस कार्यक्रम बाबूपाडा स्थित लोकसभा चुनाव कार्यालय में आयोजित हुआ.पार्टी प्रत्याशी सीता सोरेन सहित काफी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। लेकिन तस्वीर में सुनील सोरेन कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. पार्टी ध्वज फहराने से लेकर संस्थापक सदस्यों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने तक सीता सोरेन सक्रिय भूमिका में नजर आयी.मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बीजेपी की तारीफ की और झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीट पर कमल खिलने का दावा किया.
जन्मदिन के बहाने सीता पहुंची सुनील सोरेन से मिलने
एक फोटो में सुनील सोरेन और सीता सोरेन दोनों एक साथ नजर आ रहे हैं.यह तस्वीर सुनील सोरेन के तरबंधा स्थित आवास का है.सुनील सोरेन को जन्मदिन की बधाई देने सीता सोरेन पहुंची थी.
तस्वीरें बहुत कुछ बयां करती है
इस मुलाकात के दौरान दोनों में क्या बातें हुईं यह तो पता नहीं, लेकिन सुनील सोरेन का मुरझाया चेहरा बहुत कुछ बयां कर रहा है. सीता सोरेन को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सुनील सोरेन ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी आलाकमान के निर्णय को स्वीकार्य करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को इसे स्वीकार्य करने की अपील करते हुए प्रेस रिलीज जारी किया था, लेकिन सुनील सोरेन के चेहरे की उड़ी रंगत और पार्टी के कार्यक्रमों से बढ़ती दूरी बहुत कुछ बयां कर जाता है.
रिपोर्ट-पंचम झा
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