रांची (RANCHI) : लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजते ही विभिन्न दलों के नेता प्रचार अभियान में जुट गए है. पक्ष-विपक्ष के नेता चुनावी सभा में विभिन्न मुद्दों को लेकर घेरते हुए नजर आ रहे हैं. वोटरों से लोक-लुभावने वादे किये जा रहे हैं. वहीं झारखंड में अभी दिग्गज नेताओं का चुनावी सभा नहीं हो रहा है लेकिन सियासी संग्राम चरम पर है. चुनावी रण में पक्ष-विपक्ष की ओर से सियासी बान छोड़े जा रहे हैं. विभिन्न पार्टियां कई मुद्दों पर वार पलटवार कर रही है. जो आने वाले चुनाव में वोटर्स का मिजाज तय करेगा. यहां हम आपको बता दें कि झारखंड के 24 जिला पांच प्रमंडल में बंटा हुआ है जिनमें उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर, कोल्हान, पलामू, संथाल परगना शामिल है. इन सभी प्रमंडलों का मुद्दा क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग है. लेकिन पांच वो बड़े मुद्दे हैं जो चुनाव में मतदाताओं के मिजाज को बदल सकता है. यहां बेरोजगारी, पलायन, मानव तस्करी, महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की समस्या, बढ़ती महंगाई है.
युवाओं के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या
झारखंड में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. यहां युवाओं को रोजगार का कोई साधन नहीं है. खनिज संपदा से भरपूर होने के बाद भी यह राज्य नौकरी के मामले में अभी भी पिछड़ा हुआ है. यहां कई बार वैंकेसी निकाली भी गई लेकिन युवाओं को नौकरी नहीं मिली. अभी हाल ही में जेपीएससी, जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक का मामला सामने आया था, जिसपर खूब हंगामा भी हुआ. इस मामले पर विपक्ष ने भी सरकार पर कई आरोप लगाए. आने वाले चुनाव में युवाओं के सामने यह सबसे बड़ा मुद्दा होगा. युवा वोटर्स को लुभाने के लिए कई वादे भी किये जाएंगे.
झारखंड में चुनौती बना पलायन को रोकना
राज्य में पलायन को रोकना लंबे समय से चुनौती रहा है. सरकार के द्वारा लगातार प्रयास के बावजूद यहां पलायन नहीं रूक रही है झारखंड अलग होने के 24 साल बाद भी पलायन बदस्तूर जारी है. इस राज्य से लाखों मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य जाते हैं, जहां शरीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से शोषण के शिकार भी होते हैं. वहीं बीते कुछ वर्षों में कई मजदूरों की मौत भी हो गई है और कई काम दौरान हादसे के शिकार भी हो गए. पलायन को रोकना चुनौती बन गया है.
मानव तस्करी पर लगाम
झारखंड में मानव तस्करी पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पायी है. इस राज्य से हर साल भोले-भाले हजारों नाबालिगों का तस्करों के द्वारा की जाती है. खासकर लड़कियों की तस्करी ज्यादा होती है. मानव तस्करों के द्वारा इन लड़कियों को बड़े शहरों में भेज दिया जाता है, जहां यौन शोषण व घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है. ये लोग भी सिर्फ रोजगार के लिए मानव तस्करों का शिकार होता है. हालांकि बीते कुछ वर्षों में सरकार ने इसपर लगाम लगा पायी है लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पायी है.
महिलाओं की सुरक्षा
इस चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा भी अहम मुद्दा होगा. क्योंकि राज्य में बीते कुछ सालों में कई महिलाएं मौत के मुंह में समा गए. बढ़ते अपराध के कारण महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं. रांची से लेकर दुमका तक कई महिलाएं अपराधियों के भेंट चढ़ चुकी है. इसको लेकर विपक्ष ने भी कई बार सरकार को घेरते हुई नजर आयी.
बढ़ती महंगाई से आम जनता त्रस्त
झारखंड की आम जनता बढ़ती महंगाई से भी त्रस्त है. बीते दस वर्षों में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गया. पहले के मुकाबले अब लोगों की जेब ज्यादा ढिली हो रही है. दैनिक रोजमर्रा की चीजों में भारी इजाफा हुआ है कई समान के दाम दोगुने से चारगुने तक बढ़ गई है. आम जनता भी चाहती है कि आने वाले चुनाव परिणाम के बाद जिस भी पार्टी की सरकार बने वो महंगाई पर जरूर लगाम लागएं. इस मुद्दे को भी चुनाव में विभिन्न दलों के नेता जनता के समक्ष उठाएंगे.
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