बोकारो - जेबीकेएसएस के नेता जयराम महतो ने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से नामांकन किया. बुधवार को जयराम महतो अपने दलबल के साथ समाहरणालय पहुंचे और नामांकन का पर्चा दाखिल किया .रांची से गई पुलिस की टीम पूर्व जानकारी के आधार पर बोकारो पहुंच गई. यहां पर जयराम महतो को पकड़ने के लिए उसके पास भी वारंट था. गिरफ्तार करने गई पुलिस असमंजस में फस गई. समर्थकों के विरोध से उसके हाथ पांव फुल गए. उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पर दबाव के आगे उसे जनसभा करने की छूट दे दी गई.
जयराम महतो और समर्थकों ने किया विरोध
जयराम महतो युवाओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है खास तौर पर झारखंड के हितों को लेकर वह अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं युवाओं के नियोजन को लेकर उन्होंने 2022 में विधानसभा घेराव भी किया था इस दौरान नगड़ी थाना में मामला अभी दर्ज कर लिया गया था.वैसे जयराम महतो का कहना यह था कि उसे किसी प्रकार के मुकदमे की जानकारी नहीं थी. जयराम महतो को पुलिस लंबित वारंट के आधार पर गिरफ्तार करने रांची से बोकारो पहुंच गई थी.
नामांकन दाखिल करने के बाद उसे बताया गया कि उन्हें वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया जाता है इससे जयराम महतो के समर्थक भड़क गए. फिर पुलिस कथित रूप से दबाव में आकर उसे जनसभा करने की इजाजत दे दी.
समर्थकों की भीड़ के साथ फरार हो गए जयराम महतो
जेबीकेएसएस के नेता जयराम महतो नामांकन के पश्चात आयोजित भारी भीड़ को संबोधित करने के लिए गए तो उसके बाद पुलिस के हाथ नहीं लगे. समर्थकों के साथ वह गाड़ी में बैठकर फरार हो गए. पुलिस को पता भी नहीं चला कि जयराम महतो किधर गए.
चुनाव के दौरान पुलिस की लापरवाही सवालों के घेरे में
रांची से गई पुलिस टीम को यह लगा कि सभा समाप्ति के बाद जयराम महतो अपनी इच्छा से पुलिस के पास आ जाएंगे और अपनी गिरफ्तारी दे देंगे पर शायद पुलिस से यहां पर भूल हो गई जय राम महतो पुलिस की तरफ से निकल गये. जब तक यह बात सामने आई की जय राम महतो सभा अल से निकल गए हैं तो पुलिस के होश उड़ गए उसके बाद उसे पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई. क्योंकि जयराम महतो के खिलाफ वारंट था ऐसे में नामांकन के वक्त पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए पहुंच गई थी. उसे एक तरह से गिरफ्तार ही कर लिया गया था. लेकिन फिर वह गिरफ्त से बाहर निकल गया. चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी मिल गई है.
पुलिस टीम पर भी हो सकती है कार्रवाई
जिस प्रकार से जयराम महतो अपने समर्थकों के साथ सभा स्थल से चले गए इससे फरार होना बताया जा रहा है. पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई हो हो सकती है. यह बड़ी चूक मानी जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जयराम महतो के खिलाफ रांची, धनबाद,गिरिडीह, बोकारो में कई मामले दर्ज हैं. लेकिन उसने नामांकन पर्चा में इनकी जानकारी नहीं दी है.
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