रांची(RANCHI): टेंडर कमीशन से जुड़े मामले में गिरफ्तार मंत्री आलमगीर आलम से ED लगातार पूछताछ कर रही है. इसी कड़ी में आज कोर्ट ने पांच दिनों तक पूछताछ करने की अनुमति ईडी को दे दी है. लेकिन इसी बीच ED को एक डायरी हाथ लगी है, बताया जा रहा है कि यह डायरी मंत्री आलमगीर का है और लेनदेन से सम्बंधित कई जानकारियां इसमें दर्ज है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इस डायरी में टेंडर कमीशन से जुड़े कई ऐसी जानकारियों का जिक्र किया गया है, जिसके बाद कई अधिकारियों की रात की नींद उड़ सकती है. बताया जा रहा है कि इस डायरी में कई अधिकारी और मंत्री के नाम कोडवर्ड में लिखें गए है मसलन H और M लिखे गए है. कहा जा रहा है H honorable और M ( माननीय ) यानि मंत्री के लिए लिखा गया है वहीँ अब ईडी के अधिकारी दूसरे अन्य कोड को सुलझाने में लग गए है. इसके अलावा किस टेंडर के बदले कितना कमीशन वसूल किया गया है यह जानकारी भी ईडी को मिली है. संभवतः जिन ठेकेदारों ने टेंडर के बदले कमीशन दिया है. उन्हें भी समन भेज कर पूछताछ के लिए ED बुला सकती है. फिलहाल आलमगीर आलम से पूछताछ जारी रहेगी .अब आगे लंबी पूछताछ रिमांड पर लेकर ED कर रही है. इसके बाद कई खुलासे हो सकते है.
लगातार रिमांड में लेकर आलमगीर आलम से ईडी कर रही पूछताछ
बता दें कि मंत्री आलमगीर आलम से लगातार रिमांड पर लेकर ED पूछताछ कर रही है. पहले पांच दिन रिमांड पर पूछताछ हुई. जिसमें डायरी के बारे में जानकारी मिली है. इसके बाद फिर कोर्ट से पांच दिन की रिमांड ईडी को कोर्ट ने दिया है. इस पूछताछ में कमीशन से जुड़े मामले में खुलासे हो रहे है. अब आगे की पूछताछ में बड़े खुलासे झारखंड में होगा. इस टेंडर कमीशन में शामिल अधिकारियों की कुंडली खंगाली जा रही है.
मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तीर के बाद अधिकारियों की बारी
मालूम हो कि ईडी की जांच में ग्रामीण विकास विभाग में हुए भ्रष्टाचार की परत खुल रही है. हालांकि इस परत में मंत्री की गिरफ्तारी तो हो गई. लेकिन अब बारी अधिकारियों की है. इस विभाग के सचिव से लेकर निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है.आने वाले दिनों में कई अधिकारी ईडी दफ्तर की दौड़ लगाते दिख सकते है.
आलमगीर की डायरी में मिले कई अधिकारियों के नाम
टेंडर कमीशन से जुड़ी जानकारी सामने आ गई है. पूरे झारखंड में जिस-जिस योजना में कमीशन वसूला गया है इसका पूरा ब्यौरा ईडी को मिल गया है. इस ब्यौरा में बताया गया है कि कौन सी कंपनी ने टेंडर लेने के लिए कितना पैसा दिया है.साथ ही मंत्री और अधिकारियों के नाम भी मिले है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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