रांची (RANCHI) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 के आठवें संस्करण में शिरकत की. इस दौरान सीएम ने झारखंड की आवाज बुलंद करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में झारखंड अहम रोल निभा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का एक ऐसा राज्य है, जहां देश के लगभग 40 प्रतिशत खनिज संसाधन पाए जाते हैं. झारखंड कई खनिजों और उद्योगों के लिए आवश्यक कच्चे माल का सबसे बड़ा उत्पादक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां लंबे समय से खनिज आधारित कई उद्योग स्थापित हैं. कई औद्योगिक घरानों ने यहां निवेश किया है. लेकिन, मौजूदा परिवेश में इस राज्य को और आगे ले जाने की जरूरत है. इसके लिए यहां नए उद्योग लगाने की नई पहल की जा रही है.
बिजनेस समिट के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में खनिज संपदा है, खूबसूरत घाटियां हैं और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां झारखंड पीछे रह सकता है. यूरेनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज झारखंड में ही उपलब्ध हैं. इससे संबंधित उद्योग भी लगाए जा सकते हैं.
झारखंड में निवेश की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समिट में देश-विदेश से आए अतिथियों और उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है. इससे यह जानने और समझने का मौका मिलेगा कि निवेशकों के सहयोग से हम झारखंड के समग्र विकास की दिशा में कैसे आगे बढ़ सकते हैं. इसी आशा और अपेक्षा के साथ मैं बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट-2025 में आए उद्यमियों और निवेशकों को झारखंड आमंत्रित करता हूं. आप निवेश करें, ताकि झारखंड राज्य भी विकास के मामले में तेजी से आगे बढ़े.
खनिज के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं
कहा कि झारखंड में खनिज आधारित उद्योगों के साथ-साथ कला, संस्कृति और पर्यटन जैसे कई क्षेत्रों में विकास और निवेश की अपार संभावनाएं हैं. झारखंड देश का सबसे बड़ा तस्सर उत्पादक राज्य है, इसलिए यह राज्य टेक्सटाइल क्षेत्र में भी आगे बढ़ सकता है. कला और संस्कृति के मामले में झारखंड की गिनती समृद्ध राज्यों में होती है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए झारखंड पर्यटन के क्षेत्र में भी निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है.
झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई गतिविधियां एक जैसी
सीएम ने कहा कि झारखंड और पश्चिम बंगाल एक दूसरे के काफी करीब हैं. इन दोनों राज्यों में चल रही कई गतिविधियां एक जैसी हैं. ऐसे में यह बताना मुश्किल है कि कौन सी गतिविधि झारखंड की है और कौन सी बंगाल की. दोनों राज्य कई मामलों में एक जैसी गतिविधियों के साथ लगातार आगे बढ़ रहे हैं. इस तरह की पहल दोनों राज्यों के समग्र विकास के लिए एक नया रास्ता खोल रही है.
4+