Ranchi- उत्तराखंड में सुरंग बनाने के दौरान टनल में फंसे 36 मजदूरों में से 13 मजदूरों का झारखंड से होने की खबर है. इसमें से दो मजदूर गिरिडीह के है. आज सुबह जब बिरनी स्थित उनके परिजनों को इसकी सूचना मिली तो कोहराम मच गया. इन मजदूरों में सिमराढाब गांव के बुधन महतो के इकलौता पुत्र 25 वर्षीय सुबोध वर्मा और केशोडीह गांव का विश्वजीत वर्मा है. दोनों ही रोजगार की तलाश में उत्तराखंड गयें थें. अधिकारियों का दावा है कि टनल में फंसे इन सभी मजदूरों तक ऑक्सिजन और खाना पानी पहुंचा दिया है, और वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन उनको बाहर निकालने में अभी दो से तीन का समय लग सकता है. राहत कर्मियों की टीम टनल के अंदर करीबन 15 मीटर तक पहुंचने में कामयाब हो चुकी है, लेकिन अभी भी उन्हे करीबन 35 मीटर और जाना है.
रविवार की सुबह की है यह घटना
बताया जाता है कि यह घटना रविवार की अहले सुबह चार बजे की है, जब ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक उस समय गिर गया, जब उसे मशीन से काटा जा रहा था, घटना के तुरंत बाद रेस्कयू का काम शुरु कर दिया गया. और NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड और नेशनल हाईवे के करीबन 150 लोगों की टीम रेस्क्यू जुट गयी.यहां बता दें कि यह सुरंग सिल्कयारा और डांडलगांव को आपस में जोड़ने के लिए बनाई जा रही है. घटना की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर ने रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी जानकारी ली और हर रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. अधिकारियों का दावा है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं, उन तक ऑक्सिजन और भोजन पहुंचा दिया गया है.
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