देवघर(DEOGHAR): देवघर का मधुपुर विधानसभा क्षेत्र हमेशा से सत्ता में मंत्री पद लिया है. जो भी यहां से विधायक बनता है अगर उनकी सरकार बनी तो मंत्री पद पक्का है. इस बार इस क्षेत्र से बीजेपी ने दूसरी बार गंगा नारायण सिंह पर दांव लगाया है. पिछली बार उपचुनाव में झामुमो के हाफिजुल हसन से हार गए थे.
बहुत जागरूक है मधुपुर की जनता,सभी को देती है मौका
झारखंड गठन के बाद विधानसभा क्षेत्र संख्या 13 मधुपुर हमेशा से हॉट सीट रहा है.इस सीट से विजयी उम्मीदवार हमेशा केबिनेट मंत्री बने है.इस सीट पर शुरू से ही बीजेपी और झामुमो के बीच कड़ा संघर्ष रहा है. एक टर्म झामुमो पार्टी से तो एक टर्म बीजेपी से विधायक यहां की जनता बनाते आ रही है. झारखंड गठन के समय यहां के विधायक हाजी हुसैन अंसारी रहे. फिर 2005 के आम चुनाव में बीजेपी के राज पलिवार विधायक बने.अब बात 2009 के चुनाव की करें तो हाजी हुसैन ने राज पलिवार को हराकर विधायक बने. 2014 के चुनाव में फिर से राज पलिवार चुनाव जीते और रघुवर सरकार में मंत्री बने.
यदि इस बार भी जेएमएम के उम्मीदवार की जीत होती है, तो हैट्रिक लग जायेगी
2019 के चुनाव में हाजी हुसैन अंसारी ने राज पलिवार को हराकर हेमंत सरकार में मंत्री बने.तबियत खराब रहने के कारण 2020 में हाजी हुसैन ने दुनिया को अलविदा कह दिया.शिबू सोरेन के खासमखास होने की वजह से इनके बेटे हाफिजुल हसन को हेमंत सोरेन ने बिना विधायक बने मंत्री बना दिया था. हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद से खाली हुए मधुपुर विधानसभा सीट पर 2021 में उपचुनाव कराया गया. मंत्री रहते उपचुनाव में हाफिजुल ने अपने पिता का विरासत संभालते हुए विधायक बने. यानी जो मधुपुर की जनता एक बार बीजेपी और एक बार झामुमो के उम्मीदवार को जीताते आ रहे थे उस पर विराम लगाते हुए दुबारा झामुमो उम्मीदवार को जिताया. 2019 और 2021 के चुनाव में झामुमो का बोलबाला कायम है. 2024 में अगर यहां की जनता झामुमो के उम्मीदवार को जीताते है तो हैट्रिक जीत के साथ झारखंड में यह सीट इतिहास लिख देगा.
बीजेपी को भितरघात की आशंका
लगातार इस क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों के बीच रहने वाले गंगा नारायण सिंह को बीजेपी ने टिकट देकर इनपर भरोसा जताया है.जबकि इस क्षेत्र से झारखंड गठन के बाद दो बार विधायक रहे राज पलिवार को टिकट नही मिलने से इनके समर्थकों द्वारा बीजेपी प्रत्याशी को भितरघात होने की आशंका है.गंगा नारायण का मानना है कि सभी को एक साथ रखते हुए इस बार इस क्षेत्र में कमल खिलायेंगे.गंगा नारायण सिंह पर पार्टी ने दुबारा भरोसा जताया है. इससे पहले 2021 के उपचुनाव में राज पलिवार का टिकट काट कर हाफिजुल हसन के खिलाफ गंगा नारायण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन ये हार गए थे.पुनः इनपर भरोसा जताते हुए इन्हें टिकट दिया है।यूं तो गंगा नारायण सिंह गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के बहुत करीबी माने जाते हैं. निशिकांत दुबे और राज पलिवार में 36 का आंकड़ा 2009 से अबतक लगातार चला आ रहा है. क्षेत्र में चर्चा है कि निशिकांत दुबे ने ही गंगा नारायण सिंह को टिकट दिलाने में भूमिका निभाई है. खैर जो भी हो गंगा नारायण सिंह का सीधा मुकाबला संभावित झामुमो प्रत्याशी हाफिजुल हसन से ही होने वाला है. भीतरघात के बीच गंगा नारायण सिंह कैसे कमल खिलायेंगे यह तो 23 नवंबर को ही पता चल पाएगा की झामुमो जीत की हैट्रिक लगाएगी या भाजपा 5 साल का सूखा को समाप्त करेगी.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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