कोडरमा(KODERMA):कोडरमा विधानसभा क्षेत्र मैं मुकाबला काफी रोचक हो गया है.यहां पर वर्तमान भाजपा विधायक नीरा यादव को कड़ी चुनौती मिल रही है. चुनौती के साथ-साथ यहां पर रिजल्ट कुछ भी हो सकता है राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कोडरमा में नीरा यादव की राह आसान नहीं है.इसके कई कारण बताए जा रहे हैं.कोडरमा में लोगों का मिजाज समझ में आने लगा है.यहां पर मतदाता वोट डालने के लिए उत्साहित हैं.सामान्य रूप से क्षेत्र में एक जाति विशेष के जन प्रतिनिधि का दबदबा रहा है लेकिन विकास के नाम पर बहुत अच्छा कुछ नहीं हुआ है.वर्तमान भाजपा विधायक मीरा यादव सबसे पहले 2014 में चुनाव जीती थीं.भाजपा की सरकार बनी तो वह शिक्षा मंत्री बनाई गईं.शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कॉलेज के निर्माण और कुछ शिक्षण संस्थान खुलवाने का प्रयास किया.कुछ में सफलता मिली तो कुछ वैसे के वैसे रह गए.
यहां पर मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी गई लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.लोगों का कहना है कि अगर कोडरमा के लोग को इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत पड़ जाए तो फिर या तो रांची या फिर हजारीबाग ले जाना पड़ेगा.
यहां बेरोजगारी बड़ी समस्या है यहां का अभ्रक व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है.यह कभी कोडरमा के लोगों के लिए रोजगार का बड़ा क्षेत्र माना जाता था लेकिन इसको खुलवाने पर किसी का ध्यान नहीं है. इसको लेकर रघुवर सरकार में भी सिर्फ बात होती रही.वर्तमान हेमंत सरकार में तो यह मजाक बनकर रह गया है.इस कारण से यहां के लोग गुस्से में हैं.उनका रोजी -रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.यहां पर ब्लू स्टोन और क्रसर का भी कारोबार फलता- फुलता था.बाकी समय के साथ बंद हो गया.इस पर भी किसी सरकार का ध्यान नहीं गया है.यहां के एक मतदाता ने कहा है कि उसके पास 15 ट्रक था पिछले 15 साल में उसे कर्ज के कारण सारे ट्रक बेचने पड़ गए.
वर्तमान समय में क्या है चुनावी परिदृश्य
वर्तमान समय यहां पर चुनाव के लिए हादसे संघर्ष रोचक है आमने-सामने का मुकाबला नहीं रहा है. नीरा यादव के समक्ष सीट बचाने की चुनौती है. चुनौती गठबंधन के घटक पहला राजद से मिल रहा है.यहां पर राजद के सुभाष यादव चुनाव मैदान में हैं.वैसे सुभाष यादव फिलहाल जेल में बंद हैं लेकिन उनके समर्थक यहां पर लालटेन की लौ तेज करने की कोशिश कर रहे हैं.
तीसरा एक चेहरा यहां पर शालिनी गुप्ता का है तो यहां पर निर्भर में प्रत्याशी के रूप में खड़ा हैं. पिछले विधानसभा चुनाव मैं शालिनी गुप्ता 40000 से अधिक वोट पाया था.यह माना जा रहा है कि शालिनी गुप्ता भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाली हैं. वैसे कुछ अन्य भी हैं जो वोट काट सकते हैं.दोनों तरफ के नुकसान की आशंका है. भाजपा के एक मजबूत प्रक्रिया है कि इस प्रकार के वर्तमान गठबंधन की सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा है वह एक बड़ा जीत का कारण हो सकता है वैसे जनता यह सब तय करने वाली है.
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