टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : जमशेदपुर के कुख्यात गैंग्स्टर अखिलेश सिंह को अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने साकची थाना क्षेत्र में पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग मामले में सोमवार को कोर्ट का फैसला आया है. जिसमें कोर्ट ने दुमका जेल में बंद अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. बताते चले कि इस केस में कुल 22 लोगों की गवाही हुई थी. लेकिन केस में गैंगस्टर अखिलेश सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 307,120 बी आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी. वहीं इस केस में आरोपी रहे आरोपी बंदी जायसवाल, रितेश राय, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है.
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि साकची थाना क्षेत्र में 20 मार्च 2008 को जेल चौक के निकट बाइक सवार अज्ञात अपराधियों ने आरपी रवि को गोली मारी थी. इससे जख्मी पूर्व जज का इलाज टीएमएच में हुआ था. उस फायरिंग में गोली उनके छाती, पैर और कान के पास लगी थी. जिसके बाद उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया गया था. वहीं इस घटना के बाद उनकी पत्नी बीरा प्रसाद ने बयान दर्ज कर अखिलेश सिंह समेत अन्य को आरोपी बताया था. उनकी पत्नी बीरा प्रसाद ने बताया था कि उनके पति आरपी रवि फल लेकर घर लौट रहे थे. तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी थी. इस घटना में आरपी रवि घायल हो गए थे.
जज से बदला लेने के लिए चलाई थी गोली
इस मामले में जानकारो का कहना है कि साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमासंकर पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिससे अखिलेश सिंह नाराज हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने जज से बदला लेने की नीयत से अपने गुर्गों के द्वारा जज पर फायरिग करवाई थी. फिलहाल इस फैसले में कोर्ट ने साक्ष्य के आभाव में अखिलेश सिंह को बरी कर दिया है. लेकिन इस केस में अखिलेश सिंह के साथ कई और आरोपी के नाम शामिल है. जिसमें सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को आरोपी बनाते हुए केस किया था.
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