बिहार के इस कॉलेज में AK-47 के साये में पढ़ने को मजबूर छात्राएं, जानिए क्या है वजह
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मनेर(MANER): खबर मनेर से है जहां हम आपको दिखाने जा रहे हैं किस तरह खौफ के साए में एक निजी कॉलेज में AK 56 की निगरानी में छात्राओं को नॉलेज दिया जाता है. जी हां खौफ का साया इस कदर लोकल युवकों ने कॉलेज पर बरपाया है कि यहां 80% छात्राएं कॉलेज आना बंद कर दी है और जो आ रही हैं वह भी डर डर कर कॉलेज पहुंच रही है. उन्हें AK 56 और इंसास रायफल के साए में उन्हें पढ़ाया जा रहा है. आप भी तस्वीर देख सकते हैं की तरह से पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे हुए है. इसके बाबजूद इनके गार्जियन इन्हें कॉलेज भेजना नहीं चाहते हैं. लेकिन हिम्मत कर पढ़ाई को जारी रखने के लिए छात्राएं कॉलेज पहुंच रही है. यह मामला मनेर थाना क्षेत्र के क्षेत्र के छितनावां का है जहां पर एक अंबेडकर नाम से निजी पारा मेडिकल कॉलेज में पिछले 30 जनवरी से लगातार बदमाशों द्वारा यहां के छात्राओं के साथ छेड़खानी करने और गलत हरकत से बाज नहीं आ रहे है. इतना ही नहीं स्कूल प्रशासन जब केस करता है तो बदमाशों द्वारा कॉलेज में हमला कर दिया जाता है. फायरिंग किया जाता है. इतना ही नहीं छात्राओं के साथ अभद्रता भी जाता है जो बताया नहीं जा सकता. यही वजह है कि कॉलेज प्रशासन ने मनेर थाने में इसकी लिखित शिकायत दी है और इसी शिकायत के बाद लगातार हो रही घटना को देखते हुए पुलिस ने कॉलेज को सुरक्षा प्रदान किया और AK 56 और इंसास के निगरानी में बच्चों की पढ़ाई करवाई जा रही है बच्चों के आने के समय और जाने के समय पुलिस की निगरानी रहती है. पूरा दिन पुलिस बच्चों की हिफाजत में लगी रहती है. कॉलेज के बाहर और कॉलेज के अंदर पुलिस बल मौजूद है. अब किसी भी तरह के छेड़खानी करने वाले युवकों को पुलिस बक्शने नहीं जा रही है. यही वजह है कि पुलिस की मौजूदगी हर वक्त नजर आने लगी है. पिछले 2 दिनों से कैंपस की निगरानी कर रही है कॉलेज के छूटने के बाद ही पुलिस यहां से हटती है.
कॉलेज प्रशासन ने दानापुर एएसपी से लेकर डीजीपी तक गुहार लगा चुकी है लेकिन अभी भी छात्राओं का मानना है कि हमें प्रॉपर सुरक्षा नहीं मिल पा रहा है. हमारी पढ़ाई पर इसका प्रभाव पड़ रहा है. बहुत सारी बच्चियां बदमाशों की छेड़खानी की वजह से कॉलेज नहीं पहुंच रही है. लोकल गुंडे हैं जो कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों और युवकों को पिटाई के साथ छेड़खानी भी करते हैं. यही वजह है कि इस निजी कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षक जो दूसरे प्रदेशों से यहां बिहार की छात्राओं को ट्रेंड करने आई हैं वह भी डरी हुई हैं और उनका कहना है कि यह डर तब तक रहेगा जब तक दोषियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेती है. अभी तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस की मौजूदगी में पढ़ाई हो रही है.
वही प्रबंधन का कहना है कि छात्र और छात्राओं को डर मुक्त पढ़ाई देने का प्रयास हमारी जारी है. हमने पुलिस के पास गुहार लगाई है. थोड़ी सुरक्षा मिली है और सुरक्षा की जरूरत है ताकि पढ़ाई सुचारू तरीके से चल सके. जो बच्चियां हमारे कॉलेज में नहीं आ रही है. उन्हें भी लाने का प्रयास किया जा रहा है. सबसे पहला प्रयास है हमारे बच्चों और बच्चों की सुरक्षा है और इसके लिए जो कुछ करना पड़ेगा कॉलेज प्रशासन करेगी.
बरहाल पुलिस के एके-47 की निगरानी में पढ़ाई जारी है और पुलिस उन दोषियों की भी तलाश कर रही है लेकिन अभी तक कोई पकड़ में नहीं आया है जिसकी वजह से कॉलेज के छात्र और छात्राओं में डर बना हुआ है . ऐसे में इनका डर समाप्त करने के लिए पुलिस को बेहतर प्रयास करने चाहिए नही तो एक बार फिर सरकार पर जंगल राज का ठीकरा फूटेगा.
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