टीएनपा डेस्क (TNP DESK) : हर साल की तरह इस साल भी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जायेगा. इस दिन ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि उदया तीथि के चलते बसंत पंचमी की पूजा 26 जनवरी को होगी. पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि सुबह 7:16 बजे से लेकर सुबह 10:16 बजे तक ही पंचमी तिथि रहेगी, उदया तिथि रहने के कारण पूरे दिन बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार माघ मास के गुप्त नवरात्रि पर मां सरस्वती प्रकट हुई थी. यही कारण है कि इस दिन मां सरस्वती का प्राकट्योस्तव मनाया जाता है.
कर सकते हैं कोई भी शुभ कार्य
सरस्वती पूजा का दिन काफी शुभ माना जाता है. इस दिन आप अपनी मर्जी से कोई भी शुभ या नए काम की शुरुवात कर सकते हैं. मुहूर्त शास्त्र के अनुसार बसंत पंचमी के दिन एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त और अनसूझ साया माना गया है. इसलिए, इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग शुद्धि की जरूरत नहीं होती है. इस दिन आप लगन, सगाई, भूमि पूजन, नए व्यापार की शुरुआत, वाहन और आभूषण की खरीदारी कर सकते हैं.
एक साथ बन रहा चार विशेष योग का संयोग
इस वर्ष बसंत पंचमी के दिन एक नहीं बल्कि चार विशेष योग बन रहे हैं. इस दिन शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ योग और रवि योग का संयोग एक साथ बन रहा है. इसलिए इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करना आपके लिए बेहद लाभकारी हो सकता है. मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करना चाहिए. यह बेहद शुभ माना जाता है. बसंत का पीला रंग समृद्धि ऊर्जा आशावाद का प्रतीक माना जाता है. इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व है. पूजा में भी मां सरस्वती को हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई अर्पित करने की मान्यता है. वहीं, पूजा के बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप हल्दी की माला के साथ करना चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता. इस दिन छोटे बच्चों की शिक्षा का शुभ आरंभ करना अति लाभकारी माना जाता है. इसके लिए बच्चों के हाथ में अक्षर लिखवा कर उन्हें शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. ऐसी मान्यता है की बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है.
4+