टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भक्तों के 500 साल के लंबे इंतजार और प्रयास के बाद भगवान श्री राम अपने बाल रूप में अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. वहीं अब मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद आम लोगों के लिए भी पुरुषोत्तम श्री राम के दरवाजे खोल दिए गए हैं. अब कोई भी आम आदमी जाकर रामलला के दर्शन कर सकता है. वहीं अब राम लला के अपने जन्मभूमि पर विराजमान होने के बाद उनकी दिनचर्या निर्धारित की गई है.रामलला कितने बजे जगेंगे और कब सोएंगे यह सब उनके पुजारी ही तय करेंगे. अब हम आपको बताते हैं कि रामलला की दिनचर्या क्या है.
बालक राम की रोजाना सुबह 6 बजे मंगला आरती होती है
अयोध्या में श्रीराम एक 5 साल के बच्चे के रुप में स्थापित किये गये हैं, जिसकी वजह से मंदिर के पुजारियों द्वारा उन्हें प्यारा सा नाम 'बालक राम' दिया गया है.वहीं बालक राम की रोजाना सुबह 6 बजे बजे मंगला आरती होती है, इस आरती द्वारा रामलला को निद्रा से जगाया जाता है. यह दिन की पहली आरती होती है जिससे रामलला को नींद से उठाया जाता है. वहीं सुबह 7 बजे दिन की दूसरी आरती की जाती है, जिसे बालक राम की श्रृंगार आरती कहते हैं. जिसमें रामलला को भोग लगाया जाता है.
वहीं रात के 8 बजे बालक राम की संध्या आरती होती है
वहीं दोपहर के 12:00 बजे फिर आरती की जाती है, जिसे राजभोग और मध्याह्न आरती कहते हैं. इसमे भगवान को भोग लगाया जाता है. वहीं रात के 8 बजे बालक राम की संध्या आरती होती है, वहीं दिन की आखिरी आरती रात के 10 बजे होती है जिसे शयन आरती कहते हैं इस आरती के द्वारा भगवान को सुलाया जाता है.
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