टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हिंदू मान्यताओं के अनुसार हमारे कुल 33 करोड़ देवी देवता है. जिनके मंदिर पूरे देश में फैले हुए हैं. सभी मंदिरों की अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताएं है. वहीं आज हम बात करेंगे एक ऐसे मंदिर की. जिस मंदिर में एक भी मूर्ति उपलब्ध नहीं है. और खुली आंखों से आप वहां पूजा नहीं कर पाएंगे. आपको आंखों पर पट्टी बांधनी पड़ेगी.
पूजा केवल आंखों पर पट्टी बांधकर ही की जाती है
भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां की मान्यता अपने आप में अनोखी है. और एक धार्मिक महत्व है. गुजरात के बनासकांठा में मौजूद अंबाजी माता का एक ऐसा मंदिर है. जहां कोई मूर्ति नहीं है. वहां पवित्र श्री चक्र की पूजा-अर्चाना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि ये श्रीयंत्र लोगों की सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देता है. इसलिए इसकी पूजा केवल आंखों पर पट्टी बांधकर ही की जाती है. तो वहीं यहां फोटो लेना भी सख्त मना है.
51 शक्तिपीठों में एक है अंबाजी माता का मंदिर
पुरानी मान्यताओं के अनुसार जब माता सती ने के पिता दक्ष ने भगवान भोलेनाथ का अपमान किया तो माता क्रोध बर्दाश्त नहीं कर पाई. और अग्निकुंड में कूद कर अपनी जान दे दी. उनके शव को लेकर भोलेनाथ तांडव करने लगे. और ब्रह्माण्ड में प्रलय आ गया. इस प्रलय से बचने के लिए भगवान श्री हरि विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के जले हुए अंग को काट-काटकर गिराने लगे. 51 भागों में माता सती का अंग कटकर धरती पर गिरा. जहां भी अंग गिरे वहां शक्तिपीठ बन गया. वहीं गुजरात में भी गुजरात में भी माता सती का अंग गिरा जहां पर यह भी शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है.
आस्था का केंद्र नहीं बल्कि प्राकृतिक नजारों से भरपूर है
आपको बताएं की हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए अंबाजी मंदिर आते हैं. खासतौर पर भद्रवी पूर्णिमा, नवरात्रि दीपावली के समय लोग आते है. ये केवल आस्था का केंद्र नहीं बल्कि प्राकृतिक नजारों से भरपूर है. अंबाजी माता के मंदिर के आसपास कई पर्यटन स्थल है. जहां पर्यटक घूमने जाते हैं. ये राजस्थान, अरावली, पर्वतमाला के घने जंगलों में गिरा हुआ है. मंदिर के आसपास बहुत सारे दर्शनीय स्थल मौजूद है.
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