इस राज्य में दूल्हा नहीं बल्कि उसकी बहन लेकर जाती है बारात, फिर कैसे हो सकती है शादी? पढे
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टीएनपी डेस्क(TNP DESK):भारत में अलग-अलग राज्यों में शादी विवाह के अलग-अलग रस्में निभाई जाती है.जहां कहीं पर मामा और भगनी की शादी को शुभ माना जाता है तो कहीं-कहीं दूल्हे को दहेज में जहरीले सांप भेट में दिए जाते है.वही आज हम एक ऐसी परंपरा के बारे में बताने वाले है जहां दूल्हे की जगह दूल्हे की बहन दुल्हन के घर बारात लेकर जाती है.अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि जब दूल्हा शादी में जाता ही नहीं तो फिर विवाह किससे होता है तो चलिए इसके बारे में जानते है.
लड़की की बहन बारात लेकर जाती है
आमतौर पर जब लड़के की शादी तय होती है तो विवाह के दिन लड़का परिवार और गांव के लोगों के साथ बारात लेकर आता है.जहां दुल्हन के घर पर शादी का रिश्ता विवाह की परंपरा को निभाया जाता है लेकिन आज हम एक ऐसी अनोखी परंपरा के बारे में बताने वाले है.जहां बारात लेकर दूल्हा नहीं बल्कि उसकी बहन दुल्हन के घर जाती है.अब ये परंपरा कैसे शुरू हुई और कहां निभाई जाती है चलिए इसके बारे में जानते है.
पढे कहां और क्यों नहीं निभाई जाती है यह परम्परा
आपको बताये कि हिमाचल प्रदेश में ये अनोखी रीति-रिवाज निभायी जाती है.जहा हिमाचल प्रदेश के जनजातीय इलाके लाहौल-स्पीति में बहन अपने भाई के लिए दूल्हा बनती है. फिर बड़ी धूमधाम से बारात लेकर भाई के ससुराल पहुंचती है. इसके बाद बहन ही भाभी के साथ 7 फेरे लेती है और नई दुल्हन को ब्याह कर घर ले आती है.
अगर लड़के की बहन ना हो तो फिर क्या किया जाता है
अब ऐसे में आपके मन में ये सवाल उठेगा कि अगर किसी लड़के की बहन नहीं है तो फ़िर उस लड़के की शादी नहीं होगी तो आपको बता दें कि अगर किसी लड़की की बहन नहीं है तो उसका छोटा भाई बारात लेकर उसके ससुराल जाएगा और दुल्हन को ब्याह कर अपने घर लेकर आता है.
कैसी हुई परंपरा की शुरुआत है ?
ये अनोखी परंपरा की शुरुआत होने के पीछे की वजह काफी क्या है.कहा जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत इसलिए की गई है कि अगर शादी के समय लड़का मौजुद न हो तो उसकी अनुपस्थिति में उसकी छोटी बहन या भाई लड़की को ब्याह कर घर लेकर आते है.
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